मैंने सारे दरवाजे
बंद कर दिए हैं तुम्हारेलिये
फिर भी. . .तुम आ जाना
आ जाना किसी झरोकेसे
सूरज की किरण के साथ
कोई हल्किसी पवन के साथ
पता हैं मुझे,
कोई शलाका ले ही आएगी तुम्हे
यूँ तो रूह में हो तुम कही
अब के जीवन में बस जाना
बस! आ जाना
परछाईयोंमें अक्स तो देख ही लेती हूँ मै
फिर भी कोई तुम्हे,
ले ही आएगा परीक्षितके महलमें
पता हैं तुम सदा से हो वही
लेकिन कोई आहटभी तो नहीं
आ जाना एहसासके लिए
मै इंतजार कर रही हूँ
-कौमुदी.
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